31 मार्च से आईपीएल (IPL) के 16 वें सीजन की शुरूआत होने जा रही है। इस सीजन का पहला मुकाबला गुजरात टाइटंस (GT) और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के बीच खेला जाएगा। वही 1 अप्रैल को दिल्ली कैपिटल्स (DC) अपना पहला मुकाबला लखनऊ सुपरजाइंट्स (LSG) के खिलाफ खेलेगी।
इस सीजन में दिल्ली कैपिटल्स अपने नियमित कप्तान ऋषभ पंत (Rishabh Pant) के बिना उतरने के लिए पूरी तरह से तैयार है। बता दें कि, इस आईपीएल सीजन में दिल्ली कैपिटल के नियमित कप्तान ऋषभ पंत अपने इंजरी के कारण दिल्ली की कप्तानी करते हुए नहीं दिखेंगे।
घर से क्रिकेट ग्राउंड तक की जर्नी आसान नहीं
ऋषभ पंत (Rishabh Pant) के अलावा दिल्ली कैपिटल्स के पास कई ऐसे बेहतरीन खिलाड़ी है। जो उनको इस टूर्नामेंट में आगे बढ़ाने में मदद करेंगे, इसमें से एक भारतीय टीम के तेज गेंदबाज खलील अहमद (Khalil Ahmad) भी हैं। 25 साल के खलील टीम के प्रमुख भारतीय तेज गेंदबाज हैं। बता दें कि, 2018 में आईपीएल में डेब्यू किया था और उसी साल उन्होंने भारत के लिए भी अपना पहला मैच खेला था।
भारतीय टीम के तेज गेंदबाज खलील अहमद के लिए घर से क्रिकेट ग्राउंड तक की जर्नी आसान नहीं थी। उनके पिता जयपुर में कंपाउंडर है और वे चाहते थे कि उनका बेटा डॉक्टर बने। लेकिन खलील खिलाड़ी बनना चाहते थे, जिसके कारण उनको उनके पिता से काफी डांट और पिटाई भी खानी पड़ी कई बार उनको क्रिकेट खेलने के लिए भी मारते थे।
क्रिकेट ना खेलने के लिए बेल्ट से पीटते थे पिता
खलील अहमद (Khalil Ahmad) ने एक इंटरव्यू में बताया कि, मेरी तीन बड़ी बहने हैं और मेरे पिता टोंक जिले में कंपाउंडर थे। इसलिए जब डैडी अपनी नौकरी पर जाते थे तो मुझे खाने का सामान दूध या सब्जी खरीदने जाने जैसे काम करने पड़ते हैं। मै खेलना चाहता था जिसका मतलब था कि घर का काम नहीं हो पाता था।
उन्होंने बताया कि मेरी मां, पिता से इसकी शिकायत करती थी फिर वह मुझे पूछते थे कि मैं कहां था। मैं ग्राउंड पर रहता था वह बहुत गुस्सा हुआ करते थे क्योंकि मैं पढ़ता नहीं था और काम भी नहीं करता था मैं मुझे बेल्ट से पीटते थे जिससे मेरे शरीर पर निशान पड़ जाते हैं। मेरी बहन ने रात में उन घावों का इलाज करती थी।